यह महीना धनु राशि के जातकों के लिए बहुत ज्यादा उथल-पुथल वाला महीना रह सकता है। महीने की शुरुआत में ही 6 ग्रहों का प्रभाव आपके दशम भाव पर होने से करियर में उतर्शन आपकी स्थितियां रहेंगे। ऐसे में, आपको अपने कार्यस्थल पर संभलकर रहना होगा क्योंकि बात-बात में कोई ऐसी बात बिगड़ सकती है जिससे कार्यक्षेत्र में परेशानी आ सकती है इसलिए आपको सावधानी बरतनी होगी। बिजनेस करने वाले जातकों को अपने व्यावसायिक साझेदार से अच्छे संबंध बनाए रखने पर ध्यान देना होगा, वैसे व्यापार के लिए समय अच्छा रहेगा। पारिवारिक जीवन में तनाव रहेगा और घर के बुजुर्गों का स्वास्थ्य बिगड़ सकता है उस पर ध्यान दें और घर में शांति बनाए रखने की कोशिश करें। प्रेम संबंधों के लिए अच्छा समय रहेगा और आप अपने प्रियतम के साथ विवाह के बारे में चर्चा करते दिखाई देंगे यानी कि विवाह करने के बारे में विचार कर सकते हैं। पहले से विवाहित जातकों को अपने जीवनसाथी के क्रोध का सामना करना पड़ सकता है जिससे रिश्ते में कुछ समय के लिए खटास पड़ सकती है। इसके परिणामस्वरूप, आपको सावधानी दिखाते हुए अपने रिश्ते को संभालना होगा और अपने आत्मसम्मान को भी बनाए रखना होगा। विद्यार्थी वर्ग के लिए महीना अनुकूल रहेगा और आप अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने में सफल हो सकते हैं। बेरोजगार जातकों को नौकरी की प्राप्ति हो सकती है। लेकिन स्वास्थ्य उतार-चढ़ाव से भरा रहने वाला है और खर्चें भी अधिक होंगे इसलिए आमदनी पर भी ध्यान देना होगा। विदेश जाने के बारे में विचार बना सकते हैं और ऐसे में, किसी लंबी ट्रैवलिंग पर जा सकते हैं।
करियर के दृष्टिकोण से यह महीना उतार-चढ़ाव से भरा रहने वाला है। आपके दशम भाव में सूर्य, बुध, केतु तो विराजमान रहेंगे ही उनके ऊपर राहु, बृहस्पति और मंगल का प्रभाव भी रहेगा। इस प्रकार, एक साथ 6 ग्रह आपके दशम भाव को प्रभावित करेंगे जिससे आपके लिए कार्यक्षेत्र में जमे रहना बड़ी मुश्किल का काम होगा। ऐसे में, आपके मन में अनेक प्रकार की बातें बार-बार आती-जाती रहेगी और कार्यस्थल का माहौल भी बिगड़ेगा इसलिए आपको सावधानी रखनी होगी। छठे भाव के स्वामी शुक्र महाराज एकादश भाव में विराजमान रहेंगे जिससे नौकरी में आपको पदोन्नति और तनख्वाह में वृद्धि की सौगात भी मिल सकती है 10 अक्टूबर से बुध और 17 अक्टूबर से सूर्य दशम भाव से निकलकर एकादश भाव में आएंगे जिसके परिणामस्वरूप, आपके वरिष्ठ अधिकारियों का सहयोग आपको प्राप्त होगा और नौकरी में सुधार होगा। आप अपने काम पर ज्यादा ध्यान दे पाएंगे और सफल हो पाएंगे। बिजनेस कर रहे जातकों को भी अपने क्रोध पर नियंत्रण रखना होगा। ऐसी भी संभावना है कि आपके व्यावसायिक साझेदार से संबंध कुछ समय के लिए बिगड़ जाए। ऐसे में, आपको सावधानी रखनी होगी और उनसे अच्छे संबंध निरंतर बनाने की कोशिश करनी होगी ताकि वह आपका कोई अहित करने के बारे में विचार न करें। साथ ही, आप दोनों मिलकर अपने व्यापार को सही दिशा में उन्नति की राह पर साथ-साथ आगे लेकर जाने के बारे में विचार करें क्योंकि इस समय आपके व्यावसायिक साझेदार का आपसे दूर जाना आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है। यदि आप एकल व्यापार करते हैं तो अपने क्रोध पर नियंत्रण रखें और अपने साथ किसी नए व्यक्ति को आगे बढ़कर काम करने का मौका दें, इससे आपको लाभ होगा।
यदि आपकी आर्थिक स्थिति को देखा जाए तो महीने की शुरुआत सामान्य रहेगी। खर्चों पर नियंत्रण रहेगा, लेकिन महीने के उत्तरार्ध में सूर्य, बुध एक आदर्श भाव में चले जाएंगे जिससे आमदनी बढ़िया हो जाएगी। हालांकि, शुक्र द्वादश भाव के हो जाएंगे जो आपकी बनी-बनाई आमदनी को खर्च कर सकते हैं यानी कि आप कोई नया गैजेट, कोई सामान और दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति से संबंधित वस्तुओं पर खर्च कर सकते हैं। वहीं, देवगुरु बृहस्पति पूरे महीने छठे भाव में बैठकर द्वादश भाव को देखेंगे जिसके प्रभाव से लगातार खर्चे बने रहेंगे, लेकिन वक्री शनि की दृष्टि भी द्वादश भाव पर होने से खर्च बढ़ सकते हैं इसलिए सावधानी रखें। लेकिन शनि ही इन खर्चों को कम करने में भी मदद करेंगे इसलिए आपको स्वयं प्रयास करना होगा और जो खर्चे अति आवश्यक न हों उन्हें टाल दिया जाए, इससे आपका बहुत सारा धन आपके पास रहेगा और आपकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होने लगेगी।
यह महीना स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से कमज़ोर रहने की संभावना है क्योंकि आपके राशि स्वामी बृहस्पति महाराज इस पूरे महीने छठे भाव में विराजमान रहने वाले हैं और वह 9 अक्टूबर से वक्री अवस्था में भी आ जाएंगे। वहीं, मंगल महाराज जो 20 अक्टूबर तक आपके सप्तम भाव में हैं वह भी 20 अक्टूबर से आपके अष्टम भाव में चले जाएंगे जिससे स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ सकती हैं। शुक्र महाराज 13 अक्टूबर से द्वादश भाव में प्रवेश कर जाएंगे जिन पर बृहस्पति और शनि की दृष्टि होगी। इन सभी वजहों से स्वास्थ्य समस्याएं आपको पीड़ित कर सकती हैं विशेष रूप से छाती का इन्फेक्शन या अनेक प्रकार की समस्याएं आपको परेशान कर सकती हैं। ऐसे में, आपको अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए कुछ नए प्रयास करने की आवश्यकता होगी।
यदि आप किसी प्रेम संबंध में हैं तो महीने की शुरुआत बहुत शानदार रहने वाली है क्योंकि पंचम भाव के स्वामी मंगल महाराज सप्तम भाव में विराजमान होंगे। ऐसे में, महीने की शुरुआत में एक आदर्श भाव के स्वामी और प्रेम के कारक शुक्र महाराज एक आदर्श भाव में विराजमान रहकर पंचम भाव पर पूर्ण दृष्टि डालेंगे जिससे आपके रिश्ते में मधुरता के साथ-साथ प्रेम में भी वृद्धि होगी। आपके बीच रोमांस के योग बनेंगे और आपस में प्रेम बढ़ेगा। एक-दूसरे के दिल में आप जगह बनाएंगे और आप एक-दूसरे के लिए बहुत कुछ करेंगे जिससे आप और आपकी प्रियतम के बीच नजदीकियां बढ़ने से आपका रिश्ता और परिपक्व होगा। हालांकि, महीने के उत्तरार्ध में यानी कि जब शुक्र द्वादश भाव में 13 अक्टूबर को चले जाएंगे। वहीं, बुध 10 अक्टूबर से और सूर्य 13 अक्टूबर से एकादश भाव में आकर पंचम भाव को देखेंगे तथा पंचम भाव के स्वामी 20 अक्टूबर से अष्टम भाव में चले जाएंगे तब आपको थोड़ा सावधान रहना होगा। कुछ रिश्तों से संबंधित पुरानी बातें सामने आ सकती हैं जिससे एक-दूसरे को परेशानी हो सकती है। लेकिन यदि आप अपने रिश्ते को लेकर दृढ़ प्रतिज्ञ हैं और एक-दूसरे से सच्चा प्रेम करते हैं तो कोई भी चुनौती आपका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगी और आपका रिश्ता भी बना रहेगा इसलिए स्वयं को महत्व दें। यदि आप किसी से प्यार करते हैं तो अपने मन की बात उन तक पहुंचा सकते हैं और विवाह की बात भी कर सकते हैं क्योंकि सफलता मिलने के योग बनेंगे। पहले से ही विवाहित जातकों को कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। जीवनसाथी को कार्यक्षेत्र में समस्याएं आएंगी उन्हें समझाने-बुझाने तथा उनके साथ देने के चक्कर में आप अपने रिश्ते में भी थोड़ी सी समस्या महसूस कर सकते हैं इसलिए उनको इतना ही समझाएं जीतना जरूरी हो। आपस में प्रेम कैसे बढ़े इस पर ध्यान दें और रिश्ते के महत्व को समझें, इससे आपका वैवाहिक जीवन दुरुस्त हो जाएगा।
यह महीना पारिवारिक जीवन के लिए उतार-चढ़ाव से भरा रहने वाला है। निजी रिश्तों में समस्याएं आ सकती हैं। परिवार में बुजुर्गों की सेहत बिगड़ सकती है और परिवार के माहौल में अशांति का बोलबाला रह सकता है इसलिए घर में शांति बनाए रखने पर ध्यान दें। भाई-बहन आपके साथ रहेंगे लेकिन उनकी किसी बात को लेकर आप बुरा मान न जाए ऐसा उन्हें डर रहेगा क्योंकि आप उनकी छोटी-छोटी बात को बारीकी से देखेंगे। ऐसे में, आपके उनसे संबंध बिगड़ सकते हैं, इस बात का ध्यान रखें। दूसरे भाग में शनि महाराज तीसरे भाव में वक्री अवस्था में विराजमान रहेंगे जिससे आप अपने भाई-बहनों की हर संभव मदद कर सकेंगे और उनके प्रति आपका प्रेम बढ़ेगा। साथ ही, आपका रिश्ता भी मधुर होगा। पारिवारिक जीवन में आपको शांति बनाए रखने के लिए बहुत ज्यादा प्रयास करने होंगे। हालांकि, इस महीने के उत्तरार्ध में जाकर आप सफल हो सकते हैं।
आपको प्रतिदिन सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए।
सूर्याष्टक का पाठ करना आपके लिए लाभदायक रहेगा।
अपने ही राशि स्वामी देवगुरु बृहस्पति के बीज मंत्र का जाप करें।
गुरुवार के दिन ब्राह्मणों की सेवा करें और उन्हें भोजन कराएं। साथ ही, किसी विद्वान बालक की भी मदद कर सकते हैं।