अक्टूबर मासिक राशिफल 2025 के अनुसार, वृश्चिक राशि वालों को अक्टूबर का महीना मिले-जुले परिणाम दे सकता है। कभी-कभी परिणाम औसत से कुछ कमजोर भी रह सकते हैं। इस महीने की 17 तारीख तक सूर्य का गोचर आपके लाभ भाव में रहेगा और यह अनुकूल गोचर माना जाएगा। वहीं, 17 अक्टूबर के बाद सूर्य का गोचर आपके द्वादश भाव में रहेगा। सूर्य के लिए यह एक कमजोर स्थिति होगी। मंगल का गोचर 27 अक्टूबर तक आपके द्वादश भाव में और इसके बाद आपके पहले भाव में रहेगा। मंगल के ये दोनों ही गोचर अनुकूल नहीं माने गए हैं, फिर भी तुलना करें तो 27 अक्टूबर के बाद वाला समय थोड़ा बेहतर कहा जाएगा। बुध ग्रह का गोचर 3 अक्टूबर तक आपके लाभ भाव में रहेगा जो कि एक अच्छी स्थिति है। लेकिन, 3 अक्टूबर से 24 अक्टूबर के बीच बुध द्वादश भाव में रहेगा और यहां बुध कमजोर अवस्था में होगा। इसके बाद, वह आपके पहले भाव में गोचर करेगा, यह भी अनुकूल स्थिति नहीं होगी। बृहस्पति का गोचर महीने के पहले हिस्से में आपके आठवें भाव में रहेगा जो अनुकूल नहीं माना जाएगा। लेकिन, महीने के दूसरे हिस्से में बृहस्पति उच्च अवस्था में आपके भाग्य भाव में रहेगा। यहां से बृहस्पति आपको अच्छे परिणाम देना चाहेगा।
शुक्र का गोचर 9 अक्टूबर तक आपके दशम भाव में रहेगा जो अनुकूल स्थिति नहीं है। लेकिन, 9 अक्टूबर के बाद शुक्र आपके लाभ भाव में रहेगा। ऐसे में, शुक्र आपको मिले-जुले परिणाम दे सकता है क्योंकि लाभ भाव में शुक्र का गोचर अच्छे परिणाम देने वाला माना गया है, परंतु शुक्र नीच अवस्था में रहेगा। अतः परिणाम मिले-जुले रह सकते हैं. फिर भी हम औसत से बेहतर परिणामों की उम्मीद कर सकते हैं। शनि का गोचर आपके पंचम भाव में वक्री अवस्था में रहेगा। अत: शनि से अनुकूल परिणाम की उम्मीद नहीं रखनी चाहिए। राहु का गोचर चतुर्थ भाव में रहेगा। अत: राहु से भी अनुकूलता की उम्मीद नहीं रखनी चाहिए। केतु का गोचर दशम भाव में होने के कारण अनुकूल परिणाम देने में पीछे रह सकता है। इस तरह से हम कह सकते हैं कि ज्यादातर ग्रह या तो औसत परिणाम दे रहे हैं या फिर औसत से कमजोर परिणाम दे रहे हैं इसलिए इस महीने आपको मिले-जुले परिणाम मिल सकते हैं। कभी-कभी कुछ मामलों में परिणाम औसत से कुछ कमजोर भी रह सकते हैं।
आपके करियर भाव का स्वामी इस महीने 17 तारीख तक आपके लाभ भाव में रहेगा जो आपको कार्यक्षेत्र में अच्छी प्रगति देने का काम कर सकता है। मामला चाहे व्यापार का हो या फिर नौकरी का; दोनों ही में सूर्य का यह गोचर आपको अच्छे परिणाम दे सकता है। यदि 17 अक्टूबर से पहले प्रमोशन या इंक्रीमेंट इत्यादि की स्थितियां निर्मित होती हैं, तो इस अवधि में मिलने वाली उपलब्धियां आपको निराश नहीं करेंगी। वहीं, 17 अक्टूबर के बाद करियर भाव का स्वामी सूर्य नीच का हो जाएगा और द्वादश भाव में चला जाएगा। यह कई बार अनचाहे परिवर्तन देने का काम भी कर सकता है अर्थात न चाहते हुए भी आपको स्थान बदलना पड़े अथवा दूर की यात्राएं करनी पड़ें।
17 अक्टूबर के बाद यथासंभव व्यापारिक यात्राओं से बचना समझदारी का काम होगा। हालांकि, विदेश से संबंधित कुछ मामलों में अच्छे परिणाम भी मिल सकते हैं, लेकिन ज्यादातर मामलों में परिणाम अधिक मेहनत करने के बाद भी कम रह सकते हैं। नौकरीपेशा लोगों को महीने के दूसरे हिस्से में भी बृहस्पति की अनुकूल स्थिति के चलते कुछ अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। अक्टूबर के महीने को हम मिले-जुले परिणाम देने वाला कह सकते हैं। समझदारी दिखाते हुए वरिष्ठों के साथ तालमेल बिठाकर आप नौकरी में अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। वहीं, व्यापार-व्यवसाय के मामले में इस महीने नए प्रयोग करना ठीक नहीं रहेगा। पुराने कामों को ही पुराने ढंग से और अपने अनुभव के आधार पर मेंटेन करना समझदारी का काम होगा।
आर्थिक जीवन की बात करें तो, इस महीने आपके लाभ भाव के स्वामी बुध ग्रह की स्थिति बहुत अच्छी नहीं होगी। लेकिन, महीने के पहले हिस्से में लाभ भाव में सूर्य का गोचर किसी न किसी तरह से आपको लाभ करवा देगा। वहीं, 9 अक्टूबर के बाद भले ही शुक्र नीच अवस्था में रहेंगे, परंतु लाभ भाव में गोचर के कारण शुक्र भी आपको किसी न किसी तरह से लाभ करवाते रहेंगे। ऐसे में, भले ही आपकी मेहनत का पूरा फल-प्रतिफल आपको न मिले, लेकिन काफी हद तक आपकी मेहनत रंग लाएगी।
वहीं, धन भाव के स्वामी बृहस्पति महीने के पहले हिस्से में आठवें भाव में रहेंगे। वैसे तो यह कमजोर स्थिति है, लेकिन दूसरे भाव को देखने के कारण बृहस्पति ज्यादा कमजोर परिणाम नहीं देंगे और किसी न किसी तरह से आपको कमाई का एक बड़ा हिस्सा बचाने में मदद करेंगे। महीने के दूसरे हिस्से में बृहस्पति उच्च अवस्था में होंगे जो अच्छी बचत करने में आपकी सहायता करेंगे। कहने का मतलब यह है कि महीना आर्थिक मामले में काफी हद तक अनुकूल परिणाम दे सकता है।
अक्टूबर मासिक राशिफल 2025 के अनुसार, स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से अक्टूबर का महीना आपको थोड़े कमजोर परिणाम दे सकता है। महीने के अधिकांश समय अर्थात 27 अक्टूबर तक आपके लग्न या राशि के स्वामी ग्रह मंगल आपके द्वादश भाव में रहेंगे जो स्वास्थ्य के लिए अच्छी स्थिति नहीं कही जाएगी। ऐसे में, जुकाम, बुखार जैसी परेशानियां बनी रह सकती हैं। चोट-खरोंच इत्यादि लगने का भय भी रह सकता है। चतुर्थ भाव का राहु हृदय या फेफड़ों इत्यादि से संबंधित कुछ परेशानी दे सकता है। ऐसे में, यदि आपको ब्लड प्रेशर, फेफड़े या हृदय से जुड़ी कोई परेशानी है, तो दवाओं के प्रति लापरवाही बिल्कुल नहीं दिखानी है। समय से अपनी दवाई लेते रहना होगा और अपने चिकित्सक के द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करते रहना होगा। 27 अक्टूबर के बाद आपके लग्न या राशि के स्वामी अपनी राशि में प्रवेश कर जाएंगे जो तुलनात्मक रूप से बेहतर स्थिति है। लेकिन पहले भाव में मंगल गोचर को अच्छा नहीं माना जाता है। अतः इस पूरे महीने आपके लग्न या राशि के स्वामी आपको स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने का संदेश दे रहे हैं।
आरोग्यता के कारक ग्रह सूर्य 17 अक्टूबर तक अनुकूल स्थिति में रहेंगे अर्थात भले ही लग्न या राशि के स्वामी की कमजोरी के चलते स्वास्थ्य में कुछ समस्याएं आएं। लेकिन, आरोग्यता के कारक सूर्य की अनुकूल स्थिति आपके स्वास्थ्य को मेंटेन करने की कोशिश करेगी। इस तरह से हम कह सकते हैं कि इस पूरे महीने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहना होगा, विशेषकर पेट या हृदय इत्यादि से संबंधित कोई परेशानी होने की स्थिति में आपको अपेक्षाकृत अधिक जागरूक रहना होगा। चोट-खरोंच न लगने पाए, इस बात के प्रति भी सावधान रहना होगा, लेकिन तुलनात्मक रूप से महीने का पहला पक्ष बेहतर कहा जाएगा।
यदि आपके प्रेम संबंध की बात करें तो, इस महीने आपके पंचम भाव के स्वामी बृहस्पति महीने के पहले हिस्से में आठवें भाव में रहेंगे जो एक कमजोर स्थिति है। साथ ही, 9 अक्टूबर तक प्रेम का कारक शुक्र भी प्रेम प्रसंग के मामले में अधिक अनुकूलता नहीं दे पाएगा। लेकिन, महीने के दूसरे हिस्से में पंचम भाव के स्वामी बृहस्पति उच्च अवस्था में हो जाएंगे और पंचम भाव को देखेंगे। इसके फलस्वरूप, प्रेम संबंधों में अच्छी खासी अनुकूलता देने का काम कर सकते हैं, लेकिन शनि ग्रह की उपस्थिति तथा प्रेम के कारक शुक्र की नीच अवस्था को देखते हुए प्रेम संबंधों में मर्यादा का पालन करना बहुत जरूरी होगा। मर्यादित रहने की स्थिति में प्रेम संबंधों में अनुकूलता बनी रहेगी जबकि अमर्यादित होने की स्थिति में कुछ परेशानियां देखने को मिल सकती हैं।
विवाह से संबंधित बातों को आगे बढ़ाने के लिए महीने का दूसरा हिस्सा बेहतर रहेगा। वहीं, वैवाहिक जीवन की बात करें तो, इस मामले में सावधानीपूर्वक निर्वाह करने की स्थिति में सब कुछ संतुलित बना रह सकता है, अन्यथा शुक्र की स्थिति इस महीने बहुत मजबूत नहीं है, बल्कि शुक्र औसत या मिले-जुले परिणाम देता हुआ प्रतीत हो रहा है। सप्तम भाव पर शनि की दृष्टि भी अनुकूल नहीं मानी जाएगी और महीने के पहले हिस्से में गुरु का गोचर भी अनुकूल नहीं है। ये स्थितियां छोटी बात को बड़ा बनाकर नुकसान दे सकती है, लेकिन यदि आप समझदारी दिखाते रहेंगे और किसी तरह महीने के पहले हिस्से में आप परिस्थितियों को मेंटेन कर लेंगे तो दूसरे हिस्से में उच्च का बृहस्पति चीजों को संतुलित करने में आपकी अच्छी मदद करके परिस्थितियों को बेहतर कर सकता है।
अक्टूबर मासिक राशिफल 2025 के अनुसार, पारिवारिक जीवन में अक्टूबर का महीना आपको औसत या औसत से बेहतर परिणाम दे सकता है। इस महीने आपके दूसरे भाव पर शनि ग्रह की दृष्टि बनी हुई है, जो बीच-बीच में कुछ परेशानियां देने का काम कर सकती है। लेकिन, आपके दूसरे भाव का स्वामी बृहस्पति महीने के पहले हिस्से में आपके आठवें भाव में रहेगा और दूसरे भाव को देखेगा। अत: किसी भी बड़ी पारिवारिक समस्या को आने से रोकेगा। महीने के पहले हिस्से में परेशानियां आएंगी, लेकिन जल्दी ही दूर हो जाएंगी और महीने के दूसरे हिस्से में दूसरे भाव का स्वामी बृहस्पति उच्च अवस्था में हो जाएगा जो परेशानियों को और मजबूती के साथ आने से रोकेगा, फिर भी छोटी-मोटी विसंगतियां रह सकती हैं, परंतु जल्दी ही सब कुछ ठीक हो जाएगा।
भाई-बंधुओं के साथ संबंध औसत रह सकते हैं। तीसरे भाव का स्वामी वक्री अवस्था में रहेगा और तीसरे भाव का कारक ज्यादातर समय द्वादश भाव में रहेगा। हालांकि, महीने के पहले हिस्से में मंगल पर बृहस्पति की दृष्टि रहेगी जो समझदारी दिखाने की स्थिति में भाई-बंधुओं के साथ संबंधों को मजबूत बनाएगी, लेकिन लापरवाही की स्थिति में संबंध कमजोर भी रह सकते हैं। अत: हम भाई-बंधुओं के मामले में महीने को मिला-जुला या औसत परिणाम देने वाला ही मान सकते हैं। घर-गृहस्थी की बात करें तो, इस मामले में आपको अपेक्षाकृत अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी क्योंकि चतुर्थ भाव का स्वामी वक्री रहेगा। चतुर्थ भाव में राहु बैठे होंगे, लेकिन महीने के पहले हिस्से में बृहस्पति की दृष्टि के चलते परेशानियां आकर ठीक हो जाएंगी। वहीं, महीने के दूसरे हिस्से में घर-गृहस्थी पर अपेक्षाकृत अधिक ध्यान देने की आवश्यकता रह सकती है।
प्रत्येक मंगलवार हनुमान जी के मंदिर में लाल रंग की मिठाई चढ़ाएं और प्रसाद लोगों में बाटें।
नियमित रूप से माथे पर केसर का तिलक करें और मंदिर जाएं।
शनिवार के दिन बहते हुए शुद्ध जल में 400 ग्राम धनिया बहाएं।